मधुर नाम है राम तुम्हारा।
परम मंत्र है नाम तुम्हारा॥
राम नाम है, राम राह है, राम लक्ष्य है, राम मंत्र है।
सुन्दर नाम है राम तुम्हारा, सुन्दरतम है रूप तुम्हारा।
मधुर नाम है राम तुम्हारा।
राम भाव है, राम स्तोत्र है, राम आदि है, राम अन्त है।
दिव्य नाम है राम तुम्हारा, दिव्य रूप है राम तुम्हारा।
मधुर नाम है राम तुम्हारा।
राम शक्ति है, राम विजय है, राम प्रेम है, राम इष्ट है।
शुभारम्भ है नाम तुम्हारा, इष्टमंत्र है राम तुम्हारा।
मधुर नाम है राम तुम्हारा।
दिव्य गान है नाम तुम्हारा, जन्म दिवस है नाम तुम्हारा।
आज धन्य लिख लिख नाम तुम्हारा।
आज मुग्ध लख रूप तुम्हारा।
मधुर नाम है राम तुम्हारा।
परम मंत्र है नाम तुम्हारा।।
Tuesday, 6 November 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
7 comments:
मधुर नाम है राम तुम्हारा... दीपावली के शुभ अवसर पर राम नाम की पूजनीय कविता मन मे पूजा का भाव पैदा कर रही है.
दीपावली मंगलमय हो !
पढ़ कर अपने आप को राममय महसूस कर रहा हूँ. एक शान्ति का अहसास होता है. सच है राम नाम मे बड़ी शक्ति है.
सुन्दर मधुर रचना
संजय गुलाटी मुसाफिर
सुन्दर अभिव्यक्ति !
आनन्द आ गया माता जी. राम नाम गुँज रहा है मन में.
जी हाँ, राम आदि और अंत; राम अनादि और अनंत। राम यत्र-तत्र-सर्वत्र।
बहुत सुन्दर रचना है...बहुत ही रसमय रचना है।पढ़ कर आनंद आ गया।बधाई\-
राम शक्ति है, राम विजय है, राम प्रेम है, राम इष्ट है।
शुभारम्भ है नाम तुम्हारा, इष्टमंत्र है राम तुम्हारा।
मधुर नाम है राम तुम्हारा।
Post a Comment